Diwali
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What is Diwali-दिवाली क्या है और इसे कैसे मनाया जाता है?

इसके लिए हमे इसका इतिहास जाना होगा | तो चलिए जानते है Diwali के बारे में..

Diwali रोशनी का त्योहार हैं, जो उस समय को दर्शाता है जब दुनिया भर में लाखों हिंदू, सिख और जैन उत्सव की रोशनी, आतिशबाजी, मीठे व्यंजनों, उपहारों और पारिवारिक समारोहों जैसे सुंदर अनुष्ठानों के साथ बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाते हैं।

हम Diwali की कहानी, इतिहास और परंपराओं में तल्लीन करते हैं, यह पता लगाने के लिए कि दीवाली क्या हैं और इसे  कैसे मनाई जाती है और आप इस उत्सव में कैसे भाग लेते हैं |

आखिर क्या है Diwali के पीछे की कहानी

Diwali

प्रत्येक धर्म की एक अलग-अलग दिवाली को लेकर कहानी और ऐतिहासिक घटनाए है।

हिंदू धर्म में पौराणिक कथाओं को लेकर Diwali एक मुख्य कहानियों में से एक हैं, Diwali का दिन वह दिन है जब भगवान श्री राम, अपनी पत्नी सीता देवी और अपने भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल के वनवास के बाद अपने वतन लौटते हैं।

ग्रामीणों ने श्री राम के लिए एक मार्ग जलाया, जिसने राक्षस राजा रावण को पराजित किया था और सीता देवी को रावण की केद से छुड़ा कर वापस लाये थे |

उनके वापस लोटने और राम की जित की खुसी में ग्रामीणों ने उत्सव मनाया और अपने घरो में दिए झालाये थे जिसे आज भी पुरे देश में इसे Diwali के रूप में मनाया जाता हैं ।

हिंदू धर्म की कथाओं में दीवाली की एक और कहानी यह भी है कि Diwali उस दिन का प्रतीक है जब भगवान श्री कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को पराजितकिया था और अपने राज्य के सभी लोगों को नरकासुर के अत्याचारों से मुक्त कराया था ।

राक्षस नरकासुर का वध करने के बादभगवान श्री कृष्ण ने इसे उत्सव का दिन घोषित किया। आज भारत के कुछ हिस्सों में,लोग उत्सव के रूप में दोनों राक्षस राजाओं के पुतले जलायें जाते हैं।

लोग दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी को भी पूजते हैं | लक्ष्मी देवी को समृद्धि, धन और उर्वरता की देवी के रूप में पूजा जाता हैं | कहा जाता हैं की हिंदू धर्म के देवताओं में से एक देवता भगवां विष्णु को दिवाली की रात अपना पति चुना था |

संस्कृतियों में कहा जाता हैं की Diwali नई फसल और नए साल के जश्न के रूप में मेल खाती हैं |

दिवाली हमेशा नई शुरुआत और अंधेरे पर प्रकाश का दिन होता हैं |

Diwali

अब जानते है की 5 दिनों तक Diwali में क्या-क्या होता हैं

  1. धनतेरस
  2. छोटी दिवाली या कालीचोदास
  3. दिवाली
  4. अन्नकूट, पडवा, गोवर्धन पूजा
  5. भाई दूज, भाई बिज

धनतेरस:

यह दिवाली का पहला दिन होता है और पहला दिन देवी लक्ष्मी को समर्पित होता है, और उस दिन लोग अक्सर अपने घरों की सफाई करके और फूलों, पाउडर, चावल या रेट से जमीन पर रंगोली या कोलम बनाकर इस अवसर को दर्शाते हैं |

वे अक्सर खरीदारी करते हैं, और एक दुसरे से साझा करने के लिए मिठाई और नमकीन भारतीय व्यंजन बनाते हैं |

छोटी Diwali या काली चौदस:

और दूसरे दिन, जिसे “छोटी दिवाली” भी कहा जाता है, उसमे  तीसरे दिन होने वाले सबसे बड़े उत्सव की तैयारी के लिए बिताया जाता है।

सभी लोग अपने दिवंगतपूर्वजों की आत्माओं के लिए प्राथना भी करते हैं ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले और स्वर्ग मिल सके | और कई लोग उसदिन मिटटी के दिए अपने घरों में झलते हे और घरों को रोशनी से भर देते हैं |

Diwali:

यह पांच दिनों में से तीसरा और सबसे बड़ा दिन होता हेई, उस दिन लोग नए कपडे पहनना, पूजा करने के लिए मंदिर जाना, या पूजा सेवा, घर के चरों ओर दिये और अन्य रौशनी जलाना और बाहर जाकर आतिशबाजी समारोह का आनंद लेना शामिल है |

यह परिवार ओर रिश्तेदारों के साथ इकठ्ठा होने होने, दावत देने और मौके के खेल खेलने का समय है |

अन्नकूट, पड़वा, गोवर्धन पूजा:

दिवाली का जो चोथा दिन होता है उसमे भारत के कई क्षेत्रों के लिए साल के पहले दिन का प्रतिक होता है, और पिछले साल का आभारी महसूस करने का समय होता है, और अगले की प्रतीक्षा करें और छोटे-बड़े उपहारों का आदान-प्रदान करें |

उस दिन कुछ लोग एक समृद्ध नए साल के लिए पूजा करते हैं | श्री राम और सीता देवी के बिच प्रेम को पहचानने के लिए यह दिन पति-पत्नी के बिच के बंधन को भी समर्पित किया जाता हैं |

भाई दूज, भाई बिज:

Diwali

दिवाली का जो पांचवा और अंतिम दिन बहनों और भाईयों बिच के बंधन का उत्सव मनाता है, इसलिए परिवार के सभी सदस्य अक्सर इस दिन एक-दुसरे से मिलने जाते हैं और एक साथ भोजन ग्रहण करते हैं |

Diwali को हम कैसे मनाये ?

दिवाली का शब्द संस्कृत शब्द “दीपावली” से आया हुआ है, जिसका अर्थ होता है “रोशनी दीयों की पंक्तियाँ”| भारत में सभी जगहो पर लोग अपने घरो को छोटे-छोटे दीयों से सजाते हैं और घरो में रौशनी लेट हैं |

भारत में कई जगहों पर कई लोग दिवाली को जनवरी में चंद्र नव वर्ष के सामान ही नई शुरुआत मानते हैं | इसमें लोग आने वाले वर्ष की तैयारी में अपनों घरों को साफ़ करते हैं, घरों की मरम्मत करते हैं, सजाते है और नए वस्त्र खरीदते हैं |

अगर आपको मिठाइयों का शोक हैं तो दिवाली आपके लिए त्यौहार हैं | दिवाली पर सबसे स्वादिष्ट परंपरामिठाई का उपहार है |

दोस्तों और अपने रिश्तेदारों को भारतीय व्यंजन के रंगीन बक्से में मिठाई के उपहार के रूप में जैसे पेड़ा, लड्डू , झालेबी, बर्फी और चाकलेट का आदान-प्रदान करते हैं |

Diwali Date-दिवाली का त्यौहार कब है?

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दिवाली की तारीखें हर साल बदलती रहती हैं, क्योंकि यह हिन्दू धर्म के चंद्र-सौर कैलेंडर पर आधारित होती हैं | दिवाली त्यौहार आमतोर पर मध्य अक्टूबर और मध्य नवम्बर के बिच आता है |

इस साल (2022)दिवाली 24 अक्टूबर सोमवार से शुरू हो रही है|

Diwali का त्यौहार कब तक चलता है?

हमारे देश में दिवाली पांच दिनों तक चलती है | आमतोर पर उतसव का चरम दिन तीसरे दिन होता है, जो नये साल की पूर्व संध्या के समान होता है| बहनोंऔरभाइयोंने एक साथ समय बिताने के लिए दिवाली के अंतिम दिन को सुरक्षित रखा, उस दिन को भाईदूज के रूप में मानते है |

दिवाली का त्योहारहालांकि आधिकरीत तौर पर पांच दिनों तक चलता रहता है, लेकिन इसकी त्यारियां पहले से ही शुरू हो जाती है | आतिश्बादी और उत्शव अक्सर बाद के दिनों तक चलता हैं |

दिवाली के दिनों में मंदिर हमेशा धार्मिक अनुष्ठानों में व्यस्त रहते हैं, इसीलिए सम्मान करना हमेसा याद रखें और पूजा अर्चना में खुद को धक लें| 

दिवाली समारोह भारतीय संस्कृति का एक बहुत अभिन्न अंग बन चूका है |

यह पुरे देश में मनाया जाता हे और अभी तो दुसरे देशो में भी जो भारतीय रह रहे हे यह पर भी धूम-धाम से मनाया जाने लगा है और इस त्यौहार लोगों को एक-दुसरे के करीब लाने वाला त्यौहार के रूप में जाना जाता है |

दिवाली के मोके पर लोग अपनों को खास चीजे उपहार के रूप में देते हैं |

Diwali त्योहार के दौरान यात्रा

भारत में दिवाली एक मजेदार और खुबसूरत उत्सव है, लेकिन व्यापक उत्सव आपकी यात्रा और योजनाओं को भी प्रभावित के सकते हैं |

दिवाली त्यौहार के दौरान बहुत से लोग अपने गावं लौट जाते हैं, इसकी वजह से कई होटल और सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था जल्दी भर जाती है |

अगर बहार देश से कोई दिवाली के दिनों में भारत आना चाहता हैं, तो उसको पहले से बुकिंग करवानी होगी |

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