Maah-e-Ramadan 2023 | रमजान में उपवास (रोज़ा) और इबादत कब और कैसे किये जाते है: भारत कई अलग-अलग संस्कृतियों का मिश्रण हैप्रत्येक के अपने रीति-रिवाज और विश्वास हैं। भारत में कुछ लोकप्रिय त्योहारों में होली और दशहरा शामिल हैं, जिनमें बहुत सारे रंगों का उपयोग करना और दोस्तों के साथ जश्न मनाना शामिल है।
भारत में कई अलग-अलग कैलेंडर भी हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अनूठी परंपराएं हैं। मुस्लिमधर्म के मानने वाले पवित्र महीने रमजान को बड़ी गंभीरता के साथ मनाते हैंभारत में भी मुस्लिम समुदाय हैं। मुस्लिमों का पवित्र महीना रमजान है और लगभग मुस्लिम समुदाय दुनियाभर में मोजूद तो कहने का मतलब की ये रमजान का पवित्र महिना पूरी दुनियाभर में मनाया जाता हे और इसबार रमजान का पाक महिना 24 मार्च 2023 से शुरू होने जा रहा है
Maah-e-Ramadan 2023: रमजान क्या है?
रमजान मुस्लिम संस्कृति में एक बहुत ही महत्वपूर्ण महीना है, और इसके नियम में एक नियम जो महत्वपूर्ण रहता हे इनके लिए वह है उपवास (रोज़ा) यह लोगों को अधिक सहिष्णु बनाता है, और यह अंग्रेजी कैलेंडर पर हर साल 10 दिन पहले आता है। रमजान के दौरान, मुसलमान उपवास और प्रार्थना करके मनाते हैं। रमजान के दिन बहुत उज्ज्वल होते हैं, और मुस्लिम इलाकों में बहुत शोर और चमक होती है। रमज़ान के दौरान सभी का साथ बहुत अच्छा होता है, और लोग आमतौर पर अपनी शिकायतों को भूल जाते हैं और एक साथ जश्न मनाते हैं।
रमजान महत्पूर्ण क्यों है?
इस्लामिक कैलेंडर में रमजान एक खास महीना है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अल्लाह ने अपने बंदों को कुरान अता किया था जो अल्लाह की आसमानी किताब हैl इसलिएइस महीने के दौरानअल्लाह को खुश करने के लिए और उसकी करमनवाजी (आशीर्वाद) का आनंद लेने के लिए उपवास (रोजा) और उस एक अल्लाह की इबादत (प्रार्थना)की जाता है l
और इसी महीने में एक रात को भी महत्पूर्ण बताया गया है वह रात वही जिस दिन पूरा कुरान उतरा जिसे बड़ी रात (शब-ए-कदर)के नाम से जाना जाता है वह रात मुस्लिम किताबो के अनुसार 21,23,25,27,29 इन रोजो की रात में मोजूद है उपवास (रोज़ा) में मुस्लिम समुदाय के सभी लोग शामिल होते हैंजिनमें बच्चे और बुजुर्ग, मर्द और औरत, और तमाम मुस्लिम अल्लाह का कलमा पढने वाले लोग भी शामिल हैं।
रमजान में उपवास (रोज़ा) और इबादत कब और कैसे किये जाते है

रमजान एक ऐसा महीना है जिसके दौरान मुसलमान खाने-पीने से परहेज करते हैं। रमज़ान के दौरान रोज़े रखने के विशिष्ट नियम हैं, और मुसलमानों को अपनी क्षमताओं के अनुसार उनका पालन करना चाहिए।
- सहरी – सहरी एक महत्वपूर्ण है जिसके लिए लोगों को सुबह जल्दी उठना पड़ता है और कुछ खाने के बाद पुरे दिन सूर्यास्त तक उपवास जारी रहता है।
- इफ्तार – जब शाम को सूरज ढल जाता है तो जो उपवास (रोज़ा) होता है उसे खोल दिया जाता है और खाना पीना शुरू हो जाता है और इसका समय निश्चित तय किया गया है
- तरावीह – तरावीह के दौरान मुसलमान रात में एक निर्धारित समय पर इबादत करते हैं। यह समय करीब 9 बजे का है। इसके साथ ही मस्जिदों में कुरान पढ़ी जाती है। ऐसा पूरे रमजान में होता है और उसके बाद चांद के आधार पर 29 या 30 दिनों के बाद ईद मनाई जाती है।
रमजान का महिना उपवास (रोज़ा) और प्रार्थना (इबादत) का समय है। मुसलमान इस दौरान अल्लाह के प्रति अपना सम्मान दिखाने और उसके करीब महसूस करने के लिए नियमों का पालन करने की कोशिश करते हैं। यह उन्हें अधिक धार्मिक और उनके विश्वासों में अधिक एकजुट बनाता है।
रमजान का महिना ऐसा है जो अल्लाह उसके बन्दों को पाक बना देता उनके सारे गुनाह को पाक कर देता है रमजान में मुसलमान को कुछ आदतों पर पाबंद हो जाना चाहिए
- अल्लाह का नाम लेना और कुरआन की तिलावत करना
रमजान के महीने में रोज़े नमाज की इबादत के साथ अल्लाह का नाम लेना तस्बीह पढ़ना, और कुरआन पढना (तिलावत)
- गलत आदतों से दूर रहना
रमजान के दौरानलोगों को अधिक नैतिक जीवन जीने की कोशिश करनेबुरी आदतों से बचने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा जाता है कि वे नशे में न पड़ें। यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष नियम हैं कि कोई भी व्यक्ति शराब या किसी अन्य नशीले पदार्थ का आदी न हो इसे छोड़ दे
- किसी इन्सान से मार-कूट या परेशान करना
रमजान के दौरान किसी भी तरह की लड़ाई-झगड़े में पड़ना गलत है। आप लड़ने के लिए अपने हाथों और पैरों, मुंह और जुबान का उपयोग नहीं कर सकते हैंऔर यह लड़ाई देखने के लिए भी बुरा है और ये आम दिनो में भी मुसलमानों के लिए है पर रमजान के महीने और पाबंदी करनी पड़ती क्युकी अल्लाह से डरता हे इस महीने में मुसलमान वह सोचता है की किसी जो परेशान करने की वजह से मेरा अल्लाह मुझसे नाराज न हो जाए
- महिलाओ की इज्जत करना
रमजान के दौरान सेक्स करने या अपनी बीवी को वासना की नजर से देखने की इजाजत नहीं है। इस दौरान किसी अजनबी ओरत को भी छूना बुरा होता है और साथ ही अपनी बीवी, बेटी, माँ, बहन, और रिश्तेदारों की महिलाए और आम सारी महिलाए चाहे मुस्लिम हो या कोई और धर्म की उन्हें बुरी नजर से देखना भी गुनाह है आप मुस्लिम उनकी इज्जत करे
- जकात क्या है
रमजान में दान (जकात) महत्वपूर्ण हैरमजान में नेक काम करने से साल भर में किए गए बुरे कामों की भरपाई हो जाती हैउसमे से फर्ज काम हे दान (जकात) देना गरीबो की मदद करके नेकियो को बढ़ाना
- अस्तग्फार करना
रमजान के महीने के दौरानलोगों को अपने पापों को स्वीकार करने के लिए कहा जाता है ताकि वे क्षमा प्राप्त कर सकें। यदि वे अपनी गलती का पश्चाताप करते हैंतो वे इसे दोबारा नहीं करे अपने अल्लाह से क्षमा मांगना और दोबारा उन पापो (गुनाह) को नही करना उन पापो (गुनाह) तरफ नही जाना है इससे अल्लाह उसके किये गए गुनाहों से पाक कर देता है
रमजान एक ऐसा समय है जब मुसलमान उपवास करते हैं। कुछ मुसलमानों को विशेष छूट मिलती है
- छोटे बच्चो को रमजान के रोजो की छुट है जब तक वह नाबालिग है या नासमझ है
- बुजुर्ग इतना बुजुर्ग की वह रोज़ा रखेगा तो उसे किसी भी तरह से कमजोरी या उसे नुकसान हो सकता उसकी ताकत इतनी नहीं हो उन बुजुर्गो को भी छुट है अगर शरीर तंदरुस्त है तो उस बुजुर्ग पर भी रोजा फर्ज है
- अगर कोई ज्यादा बीमार हो उसे भी छुट है
- गर्भवतीऔरबच्चेकोदूधपिलानेवालीमहिलाकोरोजेनहीरखनेकीछुटहै
रमजान महीने का महत्व

रमजान का महिना लोगो में मुहब्बत पैदा करता है और लोगों को अल्लाह में विश्वास और प्यार के बारे में सिखाने के लिए मनाया जाता है इसके साथ ही लोगों को बुरे व्यवहार से बचने और गरीबों को दान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ईद एक ख़ुशी है जो अल्लाह को धन्यवाद देने और हमारी कृतज्ञता दिखाने के लिए मनाई जाती है।जकात और फितरा ईद के दिन ईद की नमाज़ के बाद और यह काम भाग्यशाली को दान देने का एक तरीका है।
रमजान का महिना मुस्लिम धर्म में एक महत्वपूर्ण समय है ये चमक सभी को देखने को मिलती है और ये मुस्लिम समुदाय को एकसाथ मिलझुल रहने और इस साथ में मानाने को मिल जाता है
मुसलमान होने के लिए आपको अल्लाहपर विश्वास रखना होगा और समय के साथ कुछ नियमों का पालन करना होगा। एक बार जब आप ऐसा कर लेते हैं, तो आप आधिकारिक रूप से एक मुसलमान हो जाते हैं और अपने आप को मुस्लिम कह सकते हैं मुस्लिम होने के 5 नियमो की पालना करना है
- कलमा ऐ तयब – अल्लाह एक है उसके सिवा कोई इबादत के लाईक नहीं और मोहम्मद उनके रसूल है
- नमाज
- रोजा
- हज
- जकात
इन नियमो की पालना करना तभी आप एक नेक मुस्लिम कहलाते है
रमजान इस्लाम में बरकतों का महीना है। इस दौरान लोग सुखी और समृद्ध रहने की उम्मीद कर सकते हैं। साथ ही उन्हें दूसरों के साथ अपने संबंधों पर ध्यान देने की कोशिश करनी चाहिए और अनावश्यक विवाद से बचना चाहिए।रमजान एक ऐसा त्योहार है जो एकता और प्यार का जश्न मनाता है।
यह दीवाली की तरह मुस्लिम भाइयो के लिए महत्पूर्ण त्यौहार है ये एक ऐसा त्योहार है जो विभिन्न धर्मों के बीच प्रेम का जश्न मनाता है हमारे देश भारत में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सदियों से चली आ रही लड़ाई इस बात को नज़रअंदाज़ कर देती है और उन्हें ये एसास दिलाती है की अल्लाह अपने सभी बन्दों चाहे हिन्दू, मुस्लिम, या अन्य को समान रूप से प्यार करता है।
इस बार रमजान 2023 के रोजो (उपवास)का टाइम टेबल निचे दिया गया है चेक कर लेवे
महत्वपूर्ण बात :- यह नक्षा दारुल उलूम इस्हाकिया के जोधपुर, राजस्थान के नक़्शे के मुताबिक है आप आपके सहर के वक्त के अनुसार ही पलना करे
रमजान की तारीख | अंग्रेजी तारीख | वार | खत्म सेहरी | इफ्तार वक्त |
1 | 24 मार्च 2023 | शुक्रवार (जुम्मा) | 05.15AM | 06:54PM |
2 | 25 मार्च 2023 | शनिवार | 05 | 14 |
3 | 26 मार्च 2023 | रविवार | 05 | 13 |
4 | 27 मार्च 2023 | सोमवार | 05 | 12 |
5 | 28 मार्च 2023 | मंगलवार | 05 | 10 |
6 | 29 मार्च 2023 | बुधवार | 05 | 09 |
7 | 30 मार्च 2023 | गुरुवार | 05 | 08 |
8 | 31 मार्च 2023 | शुक्रवार (जुम्मा) | 05 | 06 |
9 | 01 अप्रेल 2023 | शनिवार | 05 | 05 |
10 | 02 अप्रेल 2023 | रविवार | 05 | 04 |
11 | 03 अप्रेल 2023 | सोमवार | 05 | 02 |
12 | 04 अप्रेल 2023 | मंगलवार | 05 | 01 |
13 | 05 अप्रेल 2023 | बुधवार | 05 | 00 |
14 | 06 अप्रेल 2023 | गुरुवार | 04 | 59 |
15 | 07 अप्रेल 2023 | शुक्रवार (जुम्मा) | 04 | 58 |
16 | 08 अप्रेल 2023 | शनिवार | 04 | 57 |
17 | 09 अप्रेल 2023 | रविवार | 04 | 57 |
18 | 10 अप्रेल 2023 | सोमवार | 04 | 55 |
19 | 11 अप्रेल 2023 | मंगलवार | 04 | 54 |
20 | 12 अप्रेल 2023 | बुधवार | 04 | 53 |
21 | 13 अप्रेल 2023 | गुरुवार | 04 | 52 |
22 | 14 अप्रेल 2023 | शुक्रवार (जुम्मा) | 04 | 51 |
23 | 15 अप्रेल 2023 | शनिवार | 04 | 50 |
24 | 16 अप्रेल 2023 | रविवार | 04 | 49 |
25 | 17 अप्रेल 2023 | सोमवार | 04 | 48 |
26 | 18 अप्रेल 2023 | मंगलवार | 04 | 47 |
27 | 19 अप्रेल 2023 | बुधवार | 04 | 45 |
28 | 20 अप्रेल 2023 | गुरुवार | 04 | 43 |
29 | 21 अप्रेल 2023 | शुक्रवार (जुम्मा) | 04 | 42 |
30 | 22 अप्रेल 2023 | शनिवार | 04 | 41 |
“सभी सरकारी नौकरी, एडमिट कार्ड, सरकारी रिजल्ट, सिलेबस, उत्तर कुंजी, एवं सरकारी योजना की सबसे पहले अपडेट पाने के लिए हमारे ऑफिशियल ट्विटर @Rajasthanjobs फॉलो कर ले”
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FAQ
इस बार रमजान 2023 कब से शुरू हो रहा है?
इस बार रमजान 24.03.2023 से शुरू हो रहा है l
रमजान के महीने में खास इबादत क्या है?
रमजान के महीने में खास इबादत रोज़ा (उपवास) करना है l
रोज़ा कब रखा जाता है?
सुबह सूर्य निकलने से पहले पहले इसका वक्तनिर्धारित है जिसे सहरी कहा गया है l
रमजान के महीने में शब-ए-कदर किस दिन होती है?
शब-ए-कदर रमज़ान महीने में 21,23,25,27,29 की एक रात में मोजूद है l
रोजे (उपवास) किन पर माफ़ किए गया है?
छोटे बच्चो को रमजान के रोजो की छुट है जब तक वह नाबालिग है या नासमझ है, बुजुर्ग इतना बुजुर्ग की वह रोज़ा रखेगा तो उसे किसी भी तरह से कमजोरी या उसे नुकसान हो सकता उसकी ताकत इतनी नहीं हो उन बुजुर्गो को भी छुट है अगर शरीर तंदरुस्त है तो उस बुजुर्ग पर भी रोजा फर्ज है, अगर कोई ज्यादा बीमार हो उसे भी छुट है, गर्भवती और बच्चे को दूध पिलाने वाली महिला को रोजे नही रखने की छुट है l
इस्लाम धर्म के अनुसार आधिकारिक रूप से मुसलमान किसे कहा गया है?
इस्लाम के अनुसार वह मुसलमान है जो कलमा, नमाज, रोज़े, हज, जकात की पालना करता हो उसे आधिकारिक (पक्का) मुसलमान कहा गया है